
शायद कहीं कोई दिल,
मेरे लिए भी धड़कता होगा,
शायद कहीं कोई तो,
मुझसे मिलाने को तड़पता होगा,
रोज ख्वाब में वो मझे देखता होगा,
और ख्वाब टूटने पे,
मुझे ढूढता रहता होगा,
छुपकर दुनिया से अपनी तनहाइयों में,
देर तक मुझसे बातें किया करता होगा,
अपनी हथेलियों में मेरी लकीर ढूढ कर,
अपनी हथेलियों को देखता रहता होगा,
हाँ बस उसी के तो इंतज़ार में खड़ी हूँ मै,
जो कही, किसी मोड़ पर,
मेरे इंतजार में खडा होगा.........