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ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......
Friday, January 23, 2009
कभी लगता है ...
कभी
लगता है बड़ी वीरां हूं,
कभी लगता है खुशगवां हूं मै,
न बेकार कोशिश करो मुझे समझने की,
मै खुद को नहीं समझ पाई के क्या हूं मै ....
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Priyanka Singh
Pune, Maharashtra, India
ज़िन्दगी दे वजह न दे हमको, मुस्कुराना हमारी फितरत है... रासतो से नहीं हम मंजिलों से डरते हैं, चलते जाना हमारी फितरत है ...
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ज़िन्दगी अपनी है, तू अपनी है या अपनी नहीं ......
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