Friday, January 16, 2009

कब्र पे रोने वाले बड़ी आसानी से मिल जाते हैं..........

एक इन्सां नही मिलता कि दोस्त कहें जिसे,
बेवफा लोग बड़ी आसानी से मिल जाते हैं,

एक साया नही मिलता कि ठंडी छाव मिले,
ठिकाने तो यहाँ बड़ी आसानी से मिल जाते हैं,

एक हमदर्द नही मिलता दर्द बाटने को,
अदाकार यहां बड़ी आसानी से मिल जाते हैं,

एक काँधा नही मिलता सर रखकर रोने को,
चार काँधे बड़ी आसानी मिल जाते हैं,

उम्रभर रोइए कोई आसु ना पोछेगा,
कब्र पे रोने वाले बड़ी आसानी से मिल जाते हैं.......

3 comments:

  1. Kyaa baath hai.. wah waaa wah waa!!

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  2. ज़िन्दगी एक सागर है,
    दोस्त उसकी लहर ।
    और दिल किनारा...

    जरुरी ये नही की सागर में कितनी लहरे है , जरुरी ये है की कौनसी लहर किनारे तक जा मिलती है ।
    आपकी रचना बेहद दिल छु लेने वाली बेहद ही अच्छी है मगर हमारा मानना है की हर कोई बुरा नही होता हर बुरे में भी कही एक अच्छे छुपी होती है ।

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  3. wah wah ..........mere kandhe hai na jaan

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